The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi
The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi
Blog Article
जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
Victory into the spouse of Girija, the compassionate Lord. He often shields and nurtures his devotees and kids. Which has a crescent moon adorning his forehead, And earrings manufactured from snakes’ hoods.
There isn't a 1 as generous when you, Your devotees usually praise and serve you. The Vedas sing your divine glory, The unfathomable and timeless techniques are past comprehension.
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा ।
अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने shiv chalisa in hindi के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥